मूली का पत्ता

Wednesday, August 1, 2007

दो नाजुक मिजाज लखनवी नवाब एक दुसरे से मिले;
एक ने पूछा क्यूं नवाब साहब आपके मिजाज कैसे है?
"छींकते हुए दुसरे ने कहा मत पूछिये कल एक मूली के पत्ते पर पाँव पड़ गया और उससे जुकाम हो गया"
दुसरे ने कहा -
"हाय कैसे जालिम लोग है मूली का पत्ता यों ही फ़ैंक देते है...आक छी मुझे तो सुन कर ही छींके आने लगी है"

Posted by grmoney at 1:44 PM  

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