चश्मदीद गवाह

Wednesday, August 1, 2007

जज- तुम डकैती होते देखते रहे, डाकुओं को रोकने की कोशिश क्यों नहीं की?
गवाह- जनाब अगर मेरी जान चली जाती तो आपको चश्मदीद गवाह कहाँ से मिलता?

Posted by grmoney at 1:34 PM  

0 comments:

Post a Comment